अग्निवीरों को नियमित सैनिक का दर्जा दे सरकार, देश के लिए शहीद होने वाले वाले सैनिक की शहादत में फर्क न करे सरकार

अग्निवीरों को नियमित सैनिक का दर्जा दे सरकार, देश के लिए शहीद होने वाले वाले सैनिक की शहादत में फर्क न करे सरकार : दीपेन्द्र हुड्डा
·दीपेन्द्र हुड्डा ने गांव बिठला में शहीद दिनेश कुमार, शहीद बलराज सिंह की प्रतिमा का अनावरण कर किया नमन
·देश के लिए शहीद होने वाले नियमित सैनिकों और अग्निवीरों के परिवारों को मिलने वाली सहायता और सम्मान राशि में भेदभाव क्यों?
·देश में अग्निपथ योजना खत्म करने की लड़ाई लड़ेंगे
सन्तोष सैनी
झज्जर, 5 नवंबर। सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने आज गांव बिठला में बीएसएफ के शहीद दिनेश कुमार और शहीद बलराज सिंह की प्रतिमा का अनावरण किया और पुष्पांजलि अर्पित कर नमन किया। उन्होंने कहा कि हरियाणा के युवाओं के लिए फौज में भर्ती होना गर्व की बात होती है। सेना में देश की 2 फीसदी आबादी वाले हरियाणा से 10 फीसदी सैनिक देश सेवा में जाते हैं। लेकिन बीजेपी सरकार देश की फौज को खोखला करने वाली अग्निपथ जैसी योजना लाकर शहीद-शहीद में फर्क कर रही है।
        सांसद दीपेन्द्र ने कहा कि अग्निवीर सैनिक को भी नियमित सैनिक की तरह सारी सुविधाएं मिलनी चाहिए। उन्होंने मांग करी कि अब तक जितने अग्निवीर भर्ती हुए हैं सरकार उन सभी को नियमित सैनिक का दर्जा दे। उन्होंने कहा कि अग्निवीर सैनिक की शहादत होने पर उन्हें न तो शहीद का दर्जा मिलता है, न पेंशन, न ग्रेच्युटी और उनके आश्रितों को मेडिकल फेसिलिटीज़ व अन्य सुविधाएं भी नहीं मिल रही।
           इतना ही नहीं ,अग्निवीर को पूर्व सैनिक का दर्जा और पूर्व सैनिक को मिलने वाली सुविधाएं भी नहीं मिलती। यही कारण है कि बड़ी संख्या में अग्निवीर सैनिक ट्रेनिंग बीच में ही छोड़ रहे हैं। अग्निवीर स्कीम के जरिए बीजेपी सरकार ने देश की सेना को 2 हिस्‍सों में बांटने का काम किया है, नियमित सैनिक और अग्निवीर सैनिक।
      दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि सरकार शहीद और शहीद में फर्क कर रही है और साथ ही देश की सेना को कमजोर बना रही है। उनका कहना था कि हम देश भर में अग्निपथ योजना को समाप्त करने की लड़ाई लड़ेंगे। इस दौरान विधायक गीता भुक्कल और विधायक कुलदीप वत्स भी मौजूद रहे।
      सांसद दीपेन्द्र हुड्डा आज झज्जर में आयोजित अनेक कार्यक्रमों में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि सेना में पक्की भर्तियों की बजाय अग्निपथ योजना और हरियाणा कौशल विभाग के जरिए कच्ची भर्ती इस बात का प्रतीक है कि सरकार कर्मचारियों को पेंशन देने से बचना चाहती है और प्राइवेट सेक्टर को आगे लाकर पक्के सरकारी पदों को समाप्त करना चाहती है।
      उन्होंने सवाल किया कि देश के लिए शहीद होने वाले नियमित सैनिकों और अग्निवीरों के परिवारों को मिलने वाली सहायता और सम्मान राशि में भेदभाव क्यों किया जा रहा है? सरकार सैनिक बनकर देश सेवा करने के युवाओं के पवित्र सपने का कत्ल कर रही है।
         सांसद ने कहा कि जब तक ये योजना लागू नहीं हुई थी, प्रदेश की सड़कों की पटरियों पर, मैदानों में अनेक युवा दौड़, कसरत करते दिखाई देते थे, इस योजना के लागू होने के बाद ऐसा दिखाई देना लगभग बंद हो गया है। अभी तक हर साल फ़ौज में 60 से 80 हज़ार पक्की भर्तियां होती थी। अग्निपथ योजना में हर साल करीब 40-50 हज़ार भर्ती होगी, जिसमें से 75 फीसदी अग्निवीरों को 4 साल बाद निकाल दिया जाएगा। इस हिसाब से अगले 15 साल में हिन्दुस्तान की करीब 14 लाख की फ़ौज का संख्या बल घट कर आधे से भी कम रह जाएगा।
       दीपेन्द्र का कहना था कि वहीं हरियाणा से होनी वाली करीब 5000 पक्की भर्ती अग्निपथ योजना में घटकर सिर्फ 240 रह जाएगी। ऐसा करने से दुनिया की सबसे ताकतवर फौज में से एक भारतीय फौज न सिर्फ कमजोर होगी बल्कि बेरोजगारी और ज्यादा बढ़ेगी। फौज का कमजोर होना राष्ट्र हित में नहीं है।

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