The NEWSY

International Labour Day 2025: 1 मई को ही क्यों मनाया जाता है मजदूर दिवस? जानिए इसके पीछे की रोचक वजह

📜 International Labour Day 2025: क्या है इसका महत्व?

International Labour Day 2025 हर साल 1 मई को पूरी दुनिया में मेहनतकश और समर्पित मजदूरों को सम्मान देने के लिए मनाया जाता है। इसे “मजदूर दिवस” या “मई दिवस” (May Day) के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन का मुख्य उद्देश्य श्रमिकों के अधिकारों, उनके योगदान और उनके संघर्षों को याद करना होता है।

International Labour Day

🔹 Highlights

  • International Labour Day 2025 को 1 मई को दुनियाभर में मनाया जाएगा

  • इसका उद्देश्य श्रमिकों के अधिकारों के प्रति जागरूकता फैलाना है

  • मजदूर दिवस की शुरुआत 1886 के शिकागो हेमार्केट आंदोलन से हुई थी

  • भारत में यह दिवस पहली बार 1923 में मनाया गया था

  • कई देशों में 1 मई को राष्ट्रीय अवकाश होता है

यह दिन केवल अवकाश का नहीं बल्कि सामाजिक न्याय और श्रमिक वर्ग के सम्मान का प्रतीक है।


📅 1 मई को ही क्यों मनाया जाता है मजदूर दिवस?

वर्षस्थानघटना
1886अमेरिका, शिकागोहेमार्केट आंदोलन, 8 घंटे कार्य दिवस की मांग
1889पेरिसअंतरराष्ट्रीय समाजवादी कांग्रेस द्वारा 1 मई को मजदूर दिवस घोषित
1923भारत, चेन्नईपहली बार ‘मई दिवस’ मनाया गया

▶️ शिकागो का हेमार्केट आंदोलन

1 मई 1886 को अमेरिका के शिकागो शहर में मजदूरों ने अत्यधिक काम के घंटे (15 घंटे/दिन) के खिलाफ प्रदर्शन किया। उनकी मांग थी कि काम के घंटे घटाकर 8 घंटे किए जाएं। यह आंदोलन इतना तीव्र हुआ कि इसमें कई लोगों की जान चली गई, जिसमें कुछ पुलिसकर्मी भी शामिल थे।

ALSO READ  Raid 2 Box Office Collection: दूसरे दिन Ajay Devgn की फिल्म ने मचाया धमाल!

🛠️ मजदूर दिवस की नींव कैसे रखी गई?

इस आंदोलन की स्मृति में 1889 में पेरिस में अंतरराष्ट्रीय समाजवादी कांग्रेस का आयोजन हुआ, जिसमें तय किया गया कि 1 मई को वैश्विक मजदूर दिवस के रूप में मनाया जाएगा। इसके बाद, दुनिया के कई देशों में 8 घंटे का कार्य दिवस मानक बन गया।


🇮🇳 भारत में मजदूर दिवस की शुरुआत कब हुई?

भारत में पहली बार मजदूर दिवस 1923 में चेन्नई (तत्कालीन मद्रास) में मनाया गया। इस पहल की शुरुआत कम्युनिस्ट नेता सिंगारवेलु चेट्टियार ने की थी। उन्होंने मद्रास हाई कोर्ट के सामने एक सार्वजनिक सभा में मजदूरों के अधिकारों की मांग उठाई।

⚖️ भारत में मजदूर दिवस का महत्व:

  • मजदूर संगठनों को हक की आवाज उठाने का मंच मिला

  • श्रम कानूनों की दिशा में सुधार की शुरुआत हुई

  • कर्मचारियों को संगठित होने की शक्ति मिली


🌐 दुनिया में कैसे मनाया जाता है मजदूर दिवस?

देशक्या 1 मई को छुट्टी है?
भारतहाँ (कुछ राज्यों में)
फ्रांसहाँ
जर्मनीहाँ
रूसहाँ
चीनहाँ
ब्राज़ीलहाँ
दक्षिण अफ्रीकाहाँ

1 मई को लगभग 80 से अधिक देशों में राष्ट्रीय अवकाश होता है। इस दिन जुलूस, सेमिनार, श्रमिक रैलियाँ और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।


📍 भारत में किन राज्यों में होती है 1 मई को छुट्टी?

राज्यछुट्टी स्थिति
तमिलनाडुहाँ
बंगालहाँ
असमहाँ
आंध्र प्रदेशहाँ
तेलंगानाहाँ
मणिपुरहाँ
केरलहाँ
महाराष्ट्रहाँ
कर्नाटकहाँ
गोवाहाँ
बिहारहाँ
अन्य राज्यनहीं (कुछ में कार्य दिवस रहता है)

हालांकि, यह अवकाश सभी राज्यों में अनिवार्य नहीं है, लेकिन जहां इसे मान्यता मिली है, वहां श्रमिक संगठनों और सरकारी संस्थाओं द्वारा बड़े स्तर पर आयोजन होते हैं।

ALSO READ  अक्षय तृतीया पर सोने की कीमतों में गिरावट! Gold Price Today: 30 अप्रैल 2025

🎯 International Labour Day 2025: क्यों है आज भी ज़रूरी?

  • श्रमिकों के अधिकारों की रक्षा करना

  • न्यूनतम मजदूरी, सुरक्षित कार्यस्थल और उचित कार्य घंटे सुनिश्चित करना

  • बाल श्रम और बंधुआ मजदूरी जैसे मुद्दों के खिलाफ आवाज उठाना

  • मजदूरों के कल्याण के लिए सरकारी योजनाओं को बढ़ावा देना


📌

International Labour Day 2025 न केवल इतिहास की एक घटना की याद है, बल्कि यह आज के समय में भी मजदूरों की स्थिति सुधारने और उनके अधिकारों को संरक्षित करने के लिए एक प्रेरणास्रोत है। 1 मई को हम सभी को यह याद रखना चाहिए कि किसी भी देश की तरक्की की नींव उसके मेहनती श्रमिकों पर ही टिकी होती है। आइए इस दिन को सिर्फ छुट्टी के रूप में नहीं, बल्कि एक बदलाव के रूप में याद करें।

आपके काम की खबरें

TRENDING NOW
YOU MAY LIKE