Rohit Sharma Retirement: रोहित शर्मा टेस्ट क्रिकेट विदाई, एक अधूरी लेकिन यादगार कहानी
रोहित शर्मा टेस्ट क्रिकेट विदाई क्रिकेट प्रेमियों के लिए एक भावुक क्षण रहा। यह न सिर्फ एक महान बल्लेबाज़ के सफर का अंत है, बल्कि एक ऐसे खिलाड़ी की कहानी भी है जिसने कई बार खुद को दोबारा साबित किया।

Highlights
रोहित शर्मा ने सिडनी टेस्ट से बाहर बैठकर टेस्ट करियर को अलविदा कहा।
शुरुआती पांच सालों में असंतोषजनक प्रदर्शन।
ओपनर के रूप में दोबारा मौका मिलने पर करियर में बदलाव आया।
2021 इंग्लैंड दौरे को माना गया करियर का पीक पॉइंट।
कप्तान के रूप में सीमित सफलता लेकिन टीम को एकजुट रखने में अहम भूमिका निभाई।
अंत में चोट और खराब फॉर्म ने विदाई को प्रभावित किया।
रोहित शर्मा का टेस्ट करियर: एक नज़र में
विशेषता | आंकड़े / विवरण |
---|---|
टेस्ट करियर की शुरुआत | 2013 बनाम वेस्टइंडीज |
कुल टेस्ट मैच | 52 |
कुल रन | 3677 |
शतक | 12 |
औसत (ओपनर बनने के बाद) | 50.03 |
इंग्लैंड 2021 में बॉल खेली | 866 (680 बिना रन, 182 छोड़ दी) |
घरेलू औसत (2019-2023) | 54.43 (टीम का औसत – 34.47) |
टेस्ट शतक जो जीत में बदले | सभी 12 शतक |
टेस्ट छक्के | 88 (वीरेंद्र सहवाग के बाद सबसे ज़्यादा) |
कैरियर की अनियमित शुरुआत
रोहित शर्मा का टेस्ट क्रिकेट करियर सही मायनों में 2013 से शुरू हुआ, लेकिन वह इससे तीन साल पहले ही डेब्यू कर सकते थे। दुर्भाग्यवश, मैच से ठीक पहले चोटिल हो जाने के कारण उनकी शुरुआत टल गई। यह उनकी यात्रा की पहली असफलता थी।
संघर्ष के बाद चमक
शुरुआत के पांच वर्षों में रोहित अपने चयन को सही नहीं ठहरा पाए। 27 टेस्ट में उनका औसत मात्र 39.62 रहा, जो एक शीर्ष बल्लेबाज़ के लिए औसत से भी कम था। उनकी जगह अक्सर पुजारा या रहाणे जैसे स्थिर खिलाड़ियों को छोड़कर दी जाती थी, जिससे आलोचना भी हुई।
ओपनर बनने के बाद करियर में बड़ा मोड़
2019 में सलामी बल्लेबाज़ बनने के बाद उनका प्रदर्शन अचानक से निखर उठा। उन्होंने न सिर्फ रन बनाए बल्कि वह भारत के सबसे भरोसेमंद टेस्ट बल्लेबाज़ बन गए। खासकर घरेलू पिचों पर उनका आक्रामक अंदाज़ और रन गति, टीम इंडिया की जीत की कुंजी बना।
2021 इंग्लैंड दौरा: करियर की ऊँचाई
इंग्लैंड की कठिन परिस्थितियों में रोहित शर्मा का संयम और तकनीक देखने लायक थी। उन्होंने 866 गेंदों का सामना किया और 182 गेंदें छोड़ दीं। यह उनकी परिपक्वता और धैर्य का प्रमाण था।
एक कप्तान के रूप में रोहित शर्मा
रोहित शर्मा ने कप्तान के रूप में एक संतुलित ड्रेसिंग रूम तैयार किया। उन्होंने अपने पूर्ववर्ती की रणनीतियों को जारी रखा और अतिरिक्त आक्रामकता भी लाई। हालांकि, आखिरी कुछ टेस्ट में उनका व्यक्तिगत प्रदर्शन गिर गया, जिससे भारत की सफलता पर असर पड़ा।
फॉर्म और फिटनेस की गिरावट
अपने करियर के सबसे अच्छे सालों में भी रोहित सिर्फ 32 टेस्ट खेल पाए। चोटें और थकान उनके प्रदर्शन पर असर डालती रहीं। आखिरी आठ टेस्ट में उनका औसत 11 से भी कम रहा, जो उनकी गिरती हुई स्थिति का संकेत था।
एक अधूरी विदाई
रोहित शर्मा का टेस्ट क्रिकेट से संन्यास उतना भव्य नहीं रहा जितना उनके करियर ने संकेत दिया था। सिडनी टेस्ट से बाहर रहना और अचानक संन्यास की घोषणा, इस महान खिलाड़ी को मिली विदाई को अधूरा बना देती है।
रोहित शर्मा: एक एहसास
जैसा कि कई कोच कहते हैं, “लोग आपके आंकड़े नहीं, आपकी भावना और प्रभाव को याद रखते हैं।” रोहित ने यह भावना दी कि बल्लेबाज़ी एक कला है, जो वह सहजता से करते थे। उन्होंने हमें ये एहसास दिया कि सब कुछ आसान है — यहां तक कि तब भी, जब वे संघर्ष कर रहे होते।
रोहित शर्मा का टेस्ट सफर
रोहित शर्मा का टेस्ट क्रिकेट विदाई एक असमान लेकिन प्रेरणादायक कहानी है। उनके शुरुआती संघर्ष, फिर शीर्ष पर पहुंचना और अंत में चुपचाप बाहर हो जाना, हमें यह सिखाता है कि करियर में उतार-चढ़ाव स्वाभाविक हैं। लेकिन असली बात यह है कि आपने उस यात्रा को कैसे जिया और दूसरों को कैसा एहसास कराया।
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