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नरेंद्र मोदी तक के निजी सचिव रहे Vikram Misri कौन हैं?

Vikram Misri Kaun Hain? | विदेश सचिव की पूरी कहानी

विक्रम मिसरी, 1989 बैच के भारतीय विदेश सेवा (IFS) अधिकारी हैं। वे भारत के नए विदेश सचिव बने हैं और इससे पहले चीन, म्यांमार और स्पेन जैसे देशों में भारत के राजदूत रह चुके हैं। अपने शांत स्वभाव, गरिमापूर्ण व्यवहार और नपी-तुली भाषा के लिए पहचाने जाने वाले मिसरी हाल ही में एक विवाद में आ गए, जब भारत-पाकिस्तान सीज़फायर पर उनके बयान के बाद सोशल मीडिया पर उन्हें ट्रोल किया गया।

ट्रोलिंग के बावजूद, कई वरिष्ठ अफसरों, पत्रकारों और नेताओं ने उनके समर्थन में आवाज़ उठाई। सभी ने उनके शांत स्वभाव, अनुशासन और देशभक्ति की तारीफ की।

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विक्रम मिसरी का करियर और अनुभव

विक्रम मिसरी ने अपने करियर में कई महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाई हैं। वे तीन प्रधानमंत्रियों — आई.के. गुजराल, डॉ. मनमोहन सिंह और नरेंद्र मोदी — के निजी सचिव रह चुके हैं। इसके अलावा वे प्रधानमंत्री कार्यालय में संयुक्त सचिव और हाल ही में उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार भी रहे हैं।

उनका विदेशों में अनुभव भी गहरा है। वे ब्रसेल्स, वॉशिंगटन, ट्यूनिस, इस्लामाबाद, म्यूनिख जैसे शहरों में भारतीय मिशनों में सेवा दे चुके हैं।


करियर की मुख्य जानकारी

भूमिकाविवरण / वर्ष
विदेश सेवा में प्रवेश1989
निजी सचिवगुजराल, मनमोहन सिंह, नरेंद्र मोदी
भारत के राजदूत (स्पेन)2014
भारत के राजदूत (म्यांमार)2016
भारत के राजदूत (चीन)2019–2021
उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार2022–2024
विदेश सचिवजुलाई 2024 से

शिक्षा और पारिवारिक पृष्ठभूमि

विक्रम मिसरी (Vikram Misri) का जन्म श्रीनगर में हुआ और वे वहीं पले-बढ़े। उनकी स्कूली पढ़ाई सिंधिया स्कूल, ग्वालियर से हुई और ग्रेजुएशन उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी के हिंदू कॉलेज से इतिहास में किया। इसके बाद उन्होंने एक्सएलआरआई जमशेदपुर से एमबीए किया।

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सरकारी सेवा में आने से पहले उन्होंने कुछ समय तक विज्ञापन और एड फिल्म निर्माण के क्षेत्र में भी काम किया था। वे हिंदी, अंग्रेज़ी, कश्मीरी और फ्रेंच भाषाओं में निपुण हैं।


सोशल मीडिया ट्रोलिंग और समर्थन

हाल में उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच सीज़फायर पर सहमति की घोषणा की थी। इसके बाद उन्हें सोशल मीडिया पर ट्रोल किया गया। कुछ यूज़र्स ने उनके खिलाफ अभद्र भाषा का प्रयोग किया।

इसके जवाब में कई वरिष्ठ अफसरों और पत्रकारों ने उनके समर्थन में ट्वीट किए:

  • नवदीप सूरी (पूर्व राजदूत): “मिसरी शांत और प्रोफेशनल हैं। उन्हें ट्रोल करना निंदनीय है।”

  • इंद्राणी बागची: “ट्रोल करने वालों की मानसिकता गंदी है।”

  • वीर सांघवी: “जो लोग मिसरी को ट्रोल कर रहे हैं, वे इंसान नहीं, कचरा हैं।”

  • असदुद्दीन ओवैसी: “वो देशभक्त और गरिमामयी राजनयिक हैं।”

इस समर्थन ने यह साफ कर दिया कि ट्रोलिंग के पीछे व्यक्तिगत नहीं, बल्कि राजनीतिक उद्देश्य हो सकते हैं।

विक्रम मिसरी (Vikram Misri) एक बेहद अनुभवी, शांत और देशभक्त राजनयिक हैं। उनका पूरा करियर अनुशासन, गरिमा और निष्ठा से भरा रहा है। ट्रोलिंग जैसी घटनाएं उनके कद को कम नहीं कर सकतीं। भारत को आज ऐसे ही पेशेवर, निडर और संतुलित नेतृत्व की ज़रूरत है, जो अंतरराष्ट्रीय मंच पर देश की छवि को मजबूती से पेश कर सके।

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