HTET (हरियाणा शिक्षक पात्रता परीक्षा)

HTET (हरियाणा शिक्षक पात्रता परीक्षा): एक संक्षेप

HTET, या हरियाणा शिक्षक पात्रता परीक्षा, हरियाणा राज्य में शिक्षक बनने के इच्छुक उम्मीदवारों के लिए आयोजित की जाने वाली परीक्षा है। यह परीक्षा शिक्षा विभाग, हरियाणा द्वारा संचालित की जाती है और इसका मुख्य उद्देश्य उच्च प्राथमिक और उच्च माध्यमिक स्तर के शिक्षकों की नियुक्ति के लिए योग्यता मापन करना है।

HTET के विभाग:

  1. प्राथमिक शिक्षा (पेपर-1): इस पेपर में प्राथमिक शिक्षा के शिक्षक बनने के लिए उम्मीदवारों की योग्यता का मूल्यांकन किया जाता है, जो कि कक्षा 1 से 5 तक के छात्रों को शिक्षित करने में निर्दिष्ट होता है।
  2. माध्यमिक शिक्षा (पेपर-2): इस पेपर में माध्यमिक शिक्षा के शिक्षक बनने के लिए योग्यता का मूल्यांकन किया जाता है, जो कि कक्षा 6 से 8 तक के छात्रों को शिक्षित करने में निर्दिष्ट होता है।
  3. उच्च प्राथमिक शिक्षा (पेपर-3): इस पेपर में उच्च प्राथमिक शिक्षा के शिक्षक बनने के लिए योग्यता का मूल्यांकन किया जाता है, जो कि कक्षा 1 से 5 तक के छात्रों को शिक्षित करने में निर्दिष्ट होता है, लेकिन इस पेपर के लिए विशेषज्ञता आवश्यक है।

HTET परीक्षा पैटर्न:

  • HTET का पेपर वस्तुनिष्ठ प्रश्नों पर आधारित होता है और यह पेपर ऑनलाइन आयोजित किया जाता है।
  • प्रत्येक पेपर में तीन खंड होते हैं – सामान्य ज्ञान और पुराने पेपर्स, शिक्षा सामग्री, और शिक्षा में सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक पहलू।
  • प्रत्येक खंड में पूछे जाने वाले प्रश्नों का स्तर उच्च प्राथमिक स्तर, माध्यमिक स्तर और उच्च प्राथमिक स्तर के अनुसार होता है।

HTET परीक्षा की योग्यता:

HTET परीक्षा के लिए आवेदन करने के लिए उम्मीदवार को ग्रेजुएशन डिग्री एक न्यूनतम मानक होना चाहिए, और उन्हें अध्यापन संस्थानों से संबंधित अन्य योग्यता मानकों को पूरा करना होता है।

HTET परीक्षा एक महत्वपूर्ण प्रयास है जो शिक्षक बनने के इच्छुक उम्मीदवारों के लिए हरियाणा राज्य में शिक्षा क्षेत्र में योग्यता को मापने का एक माध्यम है।

भारतीय सेना में कैसे शामिल हों: एक मार्गदर्शन

भारतीय सेना में कैसे शामिल हों: एक मार्गदर्शन

1. योग्यता और आयु सीमा: भारतीय सेना में शामिल होने के लिए आपको निर्धारित योग्यता और आयु सीमा को पूरा करना होगा। विभिन्न चयनों के लिए विभिन्न आयु सीमाएं होती हैं, और योग्यता मानकें भी निर्धारित की जाती हैं।

2. भारतीय सेना के विभाग: भारतीय सेना में विभिन्न विभाग होते हैं जैसे कि थलसेना, नौसेना, और वायुसेना। आपको इनमें से किस विभाग में शामिल होना है, यह निर्भर करता है।

3. सेना भर्ती रैली: सेना भर्ती रैली एक अच्छा माध्यम है जिससे आप सेना में शामिल हो सकते हैं। इन रैलियों में आवेदन करने के लिए योग्यता, आयु, और अन्य मानकों का पालन करना होता है।

4. अफसर बनने के लिए: यदि आप अफसर बनना चाहते हैं, तो आपको एक संघ की तैयारी के लिए UPSC (संघ लोक सेवा आयोग) की परीक्षा देनी होगी। इसके बाद, आप रक्षा अधिकारी के रूप में चयन हो सकते हैं।

5. रक्षा अकादम में प्रवेश: आप रक्षा अकादमों में भी प्रवेश प्राप्त कर सकते हैं, जैसे कि इंडियन मिलिटरी एकेडमी (IMA) और अन्य। इनमें प्रवेश के लिए आपको योग्यता मानकों को पूरा करना होगा।

6. नौसेना और वायुसेना: नौसेना और वायुसेना में शामिल होने के लिए भी आपको विभिन्न परीक्षाओं और योग्यता मानकों को पूरा करना होगा। नौसेना के लिए NDA (राष्ट्रीय रक्षा अकादम) और वायुसेना के लिए AFCAT (वायुसेना कॉमन एंट्रेंस टेस्ट) जैसी परीक्षाएं होती हैं।

7. आवेदन और चयन: आपको चयन प्रक्रिया में भाग लेने के लिए आवेदन करना होगा। इसमें आपको शारीरिक और मानसिक परीक्षण, साक्षात्कार, और लिखित परीक्षा का सामना करना पड़ेगा।

8. तैयारी: सेना में शामिल होने के लिए आपको अच्छी तैयारी की आवश्यकता है। इसमें शारीरिक तैयारी, शिक्षा, और सामाजिक योजना का एक संतुलित मिश्रण होना चाहिए।

9. साइड एंट्री: कुछ सेना के पदों के लिए साइड एंट्री के अवसर भी हो सकते हैं, जिसमें अनुभवी व्यक्तियों को चयन किया जा सकता है।

इन सारे कदमों के माध्यम से, आप भारतीय सेना में शामिल हो सकते हैं और अपनी देश सेवा करने का गर्व महसूस कर सकते हैं। यह एक उदार और समर्पित समुदाय है जो देश की सुरक्षा और समृद्धि के लिए काम कर रहा है।

विश्व का सबसे कठिन परीक्षण

विश्व का सबसे कठिन परीक्षण

विश्व भर में कई परीक्षण होते हैं, लेकिन उनमें से कुछ ऐसे हैं जो अत्यंत कठिनाईयों के साथ संबंधित हैं और उन्हें पार करना एक बड़ी चुनौती होती है। इनमें से कुछ परीक्षण ऐसे हैं जिन्हें स्थानीय स्तर से लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त है।

  1. यूपीएससी (UPSC) सिविल सेवा परीक्षा: भारत में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा को सबसे कठिन परीक्षणों में से एक माना जाता है। इसमें लाखों उम्मीदवार हिस्सा लेते हैं, लेकिन केवल कुछ ही चयन होते हैं।
  2. कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी का मैथमेटिकल ट्रायड टेस्ट (CUTM): इस परीक्षण का लक्ष्य विद्यार्थियों को गणित में ऊचे स्तर पर स्वीकृति प्रदान करना है। इसमें भारी गणित क्षमताएं परीक्षित की जाती हैं।
  3. IIT-जेईई (JEE) एडवांस्ड: इस परीक्षा को उत्तीर्ण करना भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों में प्रवेश प्राप्त करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। इसमें अद्वितीय गणित और विज्ञान क्षमताएं मापी जाती हैं।
  4. अमेरिकी ग्रेडुएट मैनेजमेंट एडमिशन टेस्ट (GMAT): GMAT विद्यार्थियों को अमेरिकी और विदेशी प्रबंधन स्कूलों में प्रवेश प्राप्त करने के लिए आवश्यक है, और इसमें उच्च स्तर की बुद्धिमत्ता की जाँच होती है।
  5. स्विस फेडरल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलॉजी (ETH) की एडमिशन प्रोसेस: ETH जर्मनी के रैंकिंग के हिसाब से सबसे श्रेष्ठ तकनीकी संस्थानों में से एक है, और इसकी प्रवेश परीक्षा अत्यंत कठिन होती है।
  6. कैलिफ़ोर्निया बोर्ड ऑफ़ मेडिकल सुपरवाइज़र्स (CBMS) की परीक्षा: इस परीक्षा में व्यक्ति को मेडिकल सुपरवाइज़र के पद के लिए चयन के लिए जाँचा जाता है, और इसमें चिकित्सा विज्ञानों में ऊचे स्तर की जानकारी की आवश्यकता है।
  7. रॉयल स्कूल ऑफ आर्ट (RCA) की एडमिशन परीक्षा: इस परीक्षा में विद्यार्थी को कला और डिजाइन में मान्यता प्राप्त करने के लिए चयन किया जाता है, और इसमें उनकी शैली, सोचने की क्षमता, और रचनात्मक योजनाएं मापी जाती हैं।
  8. स्विस फेडरल स्कूल ऑफ टेक्नोलॉजी (EPFL) की एडमिशन प्रोसेस: EPFL विज्ञान और इंजीनियरिंग क्षेत्र में स्नातक और स्नातकोत्तर कक्षाओं के लिए एक प्रमुख संस्थान है, और इसकी प्रवेश परीक्षा बहुत कठिन होती है।

इन परीक्षणों को पारित करना व्यक्तिगत सफलता के साथ-साथ अद्वितीय गुणवत्ता और उच्च स्तर की ज्ञान और कौशल की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इनमें से प्रत्येक एक कठिनाईयों और प्रतिस्पर्धा की एक अलग दुनिया है, और उन्हें पार करने के लिए व्यक्ति को समर्पण, उन्नति, और प्रतिबद्धता की आवश्यकता होती है।

यूपीएससी परीक्षा: एक मार्गदर्शन (UPSC)

यूपीएससी परीक्षा: एक मार्गदर्शन

  1. परिचय: यूपीएससी, या संघ लोक सेवा आयोग, भारत सरकार के विभिन्न सिविल सेवा पदों के लिए एक महत्वपूर्ण परीक्षा है। इस परीक्षा का आयोजन भारत सरकार के सबसे उच्च अधिकारी और सेवायें नियुक्त करने के लिए किया जाता है।
  2. परीक्षा की विधि: यूपीएससी की परीक्षा तीन चरणों में होती है – प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा, और साक्षात्कार। प्रारंभिक परीक्षा ऐतिहासिक और राजनीतिक घटनाओं, भूगोल, और आर्थिक विकास जैसे विषयों पर आधारित होती है। मुख्य परीक्षा में विशेषज्ञता विषयों का चयन किया जाता है, जिसमें विशेष ज्ञान और समझ की जांच की जाती है। साक्षात्कार मुख्य परीक्षा के उत्तीर्ण उम्मीदवारों के साथ किया जाता है।
  3. परीक्षा के लाभ: यूपीएससी के उत्तीर्ण होने से एक व्यक्ति सरकारी सेवा में कई पदों के लिए योग्य होता है। यह उन्हें देश की सेवा में योगदान करने का अवसर प्रदान करता है, जिससे समाज को सीधे प्रभावित किया जा सकता है।
  4. आत्म-निर्णय: यूपीएससी की तैयारी में सफलता प्राप्त करने के लिए व्यक्ति को आत्म-निर्णय और समर्पण की आवश्यकता होती है। यह एक व्यक्ति को अपनी लक्ष्यों की प्राप्ति में मदद करता है और उसे अपने लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए संघर्ष करने की क्षमता प्रदान करता है।
  5. समय प्रबंधन: यूपीएससी की तैयारी में समय का अच्छा प्रबंधन करना आवश्यक है। एक अच्छी स्टडी प्लान बनाना और इसे अनुसरण करना छात्र को अच्छे परिणाम तक पहुंचा सकता है।
  6. व्यक्तिगत विकास: यूपीएससी की तैयारी के दौरान व्यक्ति अपने आत्म-विकास का ध्यान रखता है। इसमें उन्हें विभिन्न क्षेत्रों में जागरूक होने का अवसर मिलता है, जिससे उनका सामाजिक और आर्थिक स्थिति में सुधार हो सकता है।
  7. समाज में योगदान: यूपीएससी सफलता के बाद, एक व्यक्ति समाज में सीधे रूप से शामिल होता है और उसे समाज के विभिन्न क्षेत्रों में योगदान करने का मौका प्राप्त होता है।
  8. अध्ययन सामग्री: यूपीएससी की तैयारी के दौरान व्यक्ति देश और विश्व के बारे में विभिन्न क्षेत्रों में जानकारी प्राप्त करता है और उसकी सोचने की क्षमता में सुधार होती है।
  9. सफलता की खुशी: यूपीएससी सफलता प्राप्त करने पर एक व्यक्ति को अद्भुत मानसिक संतुलन और संतुष्टि की भावना होती है। इससे उसे अच्छे और सकारात्मक दृष्टिकोण की प्राप्ति होती है।
  10. प्रेरणा और आत्म-विश्वास: यूपीएससी की तैयारी में सफलता प्राप्त करने वाले व्यक्ति को आत्म-विश्वास और प्रेरणा मिलती है, जिससे उसे अगले लक्ष्यों की दिशा में आगे बढ़ने के लिए सकारात्मक शक्ति मिलती है।

इस प्रकार, यूपीएससी एक ऐसी परीक्षा है जो व्यक्ति को न केवल सरकारी सेवा में योग्य बनाती है, बल्कि उसके व्यक्तिगत और सामाजिक विकास में भी मदद करती है। यह एक समर्पित और योग्य नागरिक बनाने का माध्यम है, जो समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए सक्षम होता है।

दूध में प्रोटीन, कैल्शियम, विटामिन D, और अन्य पोषक तत्व होते हैं

दूध – एक सामान्य खाद्य पदार्थ जो हमारे आहार में सामान्यत: शामिल होता है। इसके सेवन से हम आंतरिक और बाह्य स्वास्थ्य के कई लाभ प्राप्त कर सकते हैं। लेकिन क्या यह सच है कि दूध हमारे लिए सबसे अच्छा है? यह विषय कुछ लोगों के लिए बहुत ही उदासीन हो सकता है, जबकि दूसरों के लिए यह एक महत्वपूर्ण पूषण स्रोत है।

दूध में प्रोटीन, कैल्शियम, विटामिन D, और अन्य पोषक तत्व होते हैं जो हमारे स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हो सकते हैं। प्रोटीन हमारे शरीर के उत्पत्ति और मरम्मत के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, जबकि कैल्शियम हड्डियों और दाँतों को मजबूती प्रदान करता है। विटामिन D हमारे शरीर में कैल्शियम को अच्छी तरह से अवशोषित करने में मदद करता है।

हालांकि, कुछ लोग लैक्टोज इंटॉलरेंस या दूध के प्रति एलर्जी के कारण इसका सेवन करने से बचते हैं। इससे उन्हें पेट की समस्याएं या त्वचा की इच्छा हो सकती है। ऐसे व्यक्तियों को दूध की जगह अन्य पोषण स्रोतों की तलाश करनी चाहिए।

दूध का सेवन आंतरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ त्वचा और बालों के लिए भी फायदेमंद हो सकता है। यह त्वचा को नरमी और चमकीला बनाए रखने में मदद कर सकता है और बालों को मजबूती प्रदान कर सकता है। इसमें पाये जाने वाले विटामिन्स और मिनरल्स बालों के स्वास्थ्य को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

एक और अहम पहलुओं में से एक है दूध का संबंध गर्मी के मौसम से। गर्मियों में दूध पीना शरीर को ठंडक प्रदान कर सकता है और विशेषकर बच्चों को इस सीज़न में होने वाली गर्मी लू से बचाव में मदद कर सकता है।

हालांकि, हमें यह भी ध्यान में रखना चाहिए कि दूध की कई प्रकार की होती हैं – फुल क्रीम, लो-फैट, या स्किम्ड। इनमें से कौन सा दूध सही है, यह आपके स्वास्थ्य लक्ष्यों और आदतों पर निर्भर करता है।

समाप्तित: अगर आप स्वस्थ और बलशाली रहना चाहते हैं, तो दूध आपके लिए एक महत्वपूर्ण पोषण स्रोत हो सकता है। इसमें पाए जाने वाले पोषक तत्व और विटामिन्स आपके शरीर को सही तरह से संतुलित रखने में मदद कर सकते हैं। हालांकि, यह अहम है कि आप अपने आहार में संतुलितता बनाए रखें और अन्य पोषण स्रोतों को भी शामिल करें, ताकि आपका शारीरिक स्वास्थ्य समृद्ध हो सके।

बालों का झड़ना एक सामान्य समस्या है, लेकिन इसका समाधान संभावना है।

बालों का झड़ना एक सामान्य समस्या है, लेकिन इसका समाधान संभावना है। यहां कुछ आसान और प्रभावी उपाय हैं जो बालों के झड़ने को कम करने में मदद कर सकते हैं:

  1. सही आहार: अपने आहार में पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन, विटामिन, और मिनरल्स शामिल करें। खाद्य से मिलने वाले पोषण से बालों को मजबूती मिलती है और झड़ना कम होता है।
  2. रूट ऑयलिंग: हर सप्ताह में बालों में तेल लगाएं और मालिश करें। यह बालों को मजबूती प्रदान करने में मदद कर सकता है और झड़ने को कम कर सकता है।
  3. बालों की सही देखभाल: सुन, तेज हवा, और कड़ी शैम्पू का अधिक प्रयोग बालों को नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए, मुलायम शैम्पू का इस्तेमाल करें और बालों को सुखाने के लिए ब्लोअर का कम इस्तेमाल करें।
  4. बालों को नियमित कटाईं रखें: बालों को नियमित अंतराल पर काटवाना उन्हें मजबूती देता है और झड़ने को कम कर सकता है।
  5. बालों को जड़ से माजबूत करने के लिए उपाय: आप अपने बालों को जड़ से माजबूत करने के लिए आयुर्वेदिक तेलों जैसे आमला तेल या ब्राह्मी तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं।
  6. पानी की सही मात्रा में पीना: पर्याप्त मात्रा में पानी पीना बालों के स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद कर सकता है और झड़ने को कम कर सकता है।
  7. तनाव का सामना करें: तनाव भी बालों के झड़ने का कारण बन सकता है, इसलिए योग और मेडिटेशन के माध्यम से तनाव को कम करें।
  8. बालों के लिए आलोवेरा जेल: आलोवेरा जेल में आंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो बालों को मजबूती प्रदान कर सकते हैं और झड़ने को कम कर सकते हैं।

यदि बालों का झड़ना बढ़ रहा है और यह समस्या बनी रह रही है, तो बेहतर होगा कि आप एक विशेषज्ञ से सलाह लें, ताकि सही निदान और उपचार की जा सके।

स्वस्थ जीवन जीने के लिए सही आहार

स्वस्थ जीवन जीने के लिए सही आहार का चयन करना महत्वपूर्ण है। यहां दस ऐसे खाद्य पदार्थ हैं जो आपके स्वास्थ्य को सुन्दर और मजबूत बनाए रख सकते हैं:

  1. पलक: पलक में विटामिन्स, मिनरल्स, और एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो आपकी रक्तमांश, हड्डियों, और आंतों के स्वास्थ्य को सुधार सकते हैं।
  2. खाजू: खाजू में प्रोटीन, आयरन, और मैग्नीशियम होता है, जो हड्डियोवैस्क्युलर स्वास्थ्य को बढ़ावा देते हैं।
  3. मूंगफली: मूंगफली में प्रोटीन, फाइबर, और आयरन होता है, जो मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करता है।
  4. तुलसी: तुलसी में एंटीबैक्टीरियल और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो सामान्य सर्दी जुकाम से लड़ने में मदद कर सकते हैं।
  5. गाजर: गाजर बीटा-कैरोटीन और विटामिन-सी से भरपूर होती है, जो आंतरिक चमक बढ़ा सकते हैं और आंतरिक रोशनी को मजबूत कर सकते हैं।
  6. दही: दही में प्रोबायोटिक्स होते हैं, जो पाचन को सुधारने में मदद करते हैं और पेट की समस्याओं को कम कर सकते हैं।
  7. मूली: मूली में फाइबर, विटामिन्स, और मिनरल्स होते हैं जो पाचन को सुधारते हैं और रक्तचाप को नियंत्रित कर सकते हैं।
  8. खजूर: खजूर में फाइबर, पोटैशियम, और विटामिन्स होते हैं, जो तंतु, हड्डियों, और मस्तिष्क के लिए फायदेमंद होते हैं।
  9. मौसमी फल: मौसमी फल विटामिन सी से भरपूर होते हैं, जो रक्तचाप को नियंत्रित करता है और मजबूती प्रदान करता है।
  10. खुबानी: खुबानी में फाइबर, विटामिन्स, और एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो सामान्य स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करते हैं।

इन आहारों को सही मात्रा में और नियमित रूप से खाना स्वस्थ जीवन के लिए महत्वपूर्ण है। साथ ही, इसे बाकी के स्वस्थ जीवनशैली के साथ मिलाकर आप अपने स्वास्थ्य को बनाए रख सकते हैं।

नियमित रूप से पानी पीने का अभ्यास बनाए रखें और अपने स्वास्थ्य को सही तरीके से देखभाल करें

जल, जीवन का अभिन्न हिस्सा है। यह न केवल हमारी जरुरत को पूरा करने के लिए है, बल्कि हमारे शरीर को स्वस्थ और सुजीवन बनाए रखने का भी एक महत्वपूर्ण साधन है। यहां हम जानेंगे कि कैसे सही तरीके से पानी पीना हमारे जीवन को स्वस्थ बनाए रख सकता है।

 

पानी को पीने का सही तरीका आपके स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है। पहले तो, सुबह उठते ही एक गिलास गरम पानी पीना बहुत फायदेमंद है। यह आपके शरीर को ताजगी प्रदान करता है और पाचन को सुधारता है। गरम पानी पीने से आपकी त्वचा की सुरक्षा होती है और आपका पेट साफ रहता है।

दिन भर में पानी को समय-समय पर पीना बहुत जरुरी है। अगर आप अपनी स्वास्थ्य का ध्यान रखते हैं, तो आपको रोजाना कम से कम 8-10 गिलास पानी पीना चाहिए। पानी को छोड़कर अन्य पेय जैसे कि चाय, कॉफ़ी या कोला को बढ़ते हुए न लें, क्योंकि ये आपको डिहाइड्रेशन का खतरा बढ़ा सकते हैं।

अपने खाने के साथ पानी पीना भी बहुत महत्वपूर्ण है। यह पाचन को सहारा प्रदान करता है और आपकी खाद्य सामग्री को अच्छे से पचाने में मदद करता है। खाना खाने के बाद थोड़ी देर तक पानी पीना, खाना पचाने में मदद कर सकता है और अपच को कम कर सकता है।

पानी को सही समय पर पीने का ध्यान रखना भी महत्वपूर्ण है। दिन में अधिकांश समय में पानी पीना ज्यादा फायदेमंद है, क्योंकि रात में पानी पीने से नींद में बाधा हो सकती है।

पानी को स्वास्थ्य के लिए लाभकारी बनाए रखने के लिए साफ़ और सुरक्षित स्रोतों से ही प्राप्त करें। अच्छी गुणवत्ता वाले पानी का सेवन करना हमेशा महत्वपूर्ण है।

अगर आप सही तरीके से पानी पीते हैं, तो आप अपने शरीर को स्वस्थ रख सकते हैं और कई समस्याओं से बच सकते हैं। सही समय पर पानी पीना और इसे स्वस्थ स्रोतों से प्राप्त करना, आपके स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करेगा।

‘हरियाणा एक, आपातकालीन नंबर एक’ पर सभी प्रकार की डायल 112 पर मिलेगी सहायता-एके चावला

‘हरियाणा एक, आपातकालीन नंबर एक’ पर सभी प्रकार की डायल 112 पर मिलेगी सहायता-एके चावला
प्यारा हिन्दुस्तान न्यूज नेटवर्क
चण्डीगढ़, 7 नवम्बर। हरियाणा के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक एके चावला ने कहा कि प्रदेश के लोगों को अब ‘हरियाणा एक, आपातकालीन नंबर एक’ पर सभी प्रकार की सहायता प्राप्त होगी। इसके लिए हरियाणा पुलिस ने एक दर्जन से अधिक सुविधाओं को एक ही डायल 112 पर संकलित किया है। अब राज्य का कोई भी व्यक्ति इन सेवाओं का लाभ सिर्फ एक 112 पर डायल करके ले सकता है।
          चावला ने मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि सभी प्रकार की हेल्पलाइन को 112 से जोड दिया गया है ताकि किसी भी व्यक्ति को भिन्न-भिन्न शिकायतों के लिए अलग-अलग नम्बरों पर शिकायत न करना पड़े। इसके साथ ही डायल 112 पर प्राप्त होने वाली शिकायतों से मात्र 8 मिनट 8 सेकेंड में ही शिकायतकर्ता को सहायता पहुंचाने का कीर्तीमान स्थापित किया है। इसमें डायल 112 गाड़ियां की 628 गाड़ियां तथा 33 महिला पुलिस के वाहनों को शामिल किया गया है।
       चावला ने बताया कि इन सेवाओं में पुलिस सहायता नम्बर 112 व 100, महिला सुरक्षा के लिए प्रयोग किया जाने वाला नम्बर 1091, यातायात की 1073, मूक व बधिर की हेल्पलाइन, साइबर अपराध का 1930, दुर्गा शक्ति ऐप, डी.एस.आर.ए.एफ एवं थानों से संबंधित सीसीटीएनएस के नम्बर, फायर ब्रिगेड का 101, एनएचएआई का 1033, आपदा संबंधित 1070 एवं 1077, उपचार हेतू एम्बूलैंस तथा महिला एवं बाल सुरक्षा के लिए प्रयोग किए जाने वाली हेल्पलाइन 181 और 1098 को अब डायल 112 से जोड़ दिया गया है। राज्य का कोई भी व्यक्ति अब 112 पर डायल कर उक्त सभी प्रकार की सहायता प्राप्त कर सकता है।

दीपावली पर किस मुहूर्त में पूजा करना होगा फलदायी

12 नवंबर को है दीपोत्सव, खास मुहूर्त में करें पूजा

भारत का प्रसिद्ध पर्व दीपावली 12 नवंबर को है। इस बार लक्ष्मी पूजा के लिए 6 मुहूर्त हैं, जो दोपहर 1.15 से रात 2.32 तक रहेंगे। इनमें हर वर्ग के लोग अपने हिसाब से खास मुहूर्त में पूजा कर सकते हैं। इस बार दीपावली पर आठ शुभ योग बन रहे हैं। इनमें पांच राजयोग और अन्य 3 शुभ योग रहेंगे। ऐसा संयोग पिछले 700 साल में नहीं बना। आईये जानते हैं क्या हैं ये शुभ योग और शुभ मुहूर्त।

दीपावली पर शुभ मुहूर्त

पं. गिरिराज के अनुसार, दीपावली पर इस बार सबसे शुभ मुहूर्त शाम 5:40 से शाम 8:16 तक रहेगा। घर में पूजा का मुहूर्त 5:41 से 8:57 रहेगा। वहीं, दुकान व कारखाने में पूजा के लिए दोपहर 1:15 से 2:58 और सायं 5:41 से 8:51 तक शुभ योग बन रहा है। साधकों के लिए रात 12:19 से 2:32 तक पूजा का मुहूर्त है। इनमें पूजा करना फलदायी रहेगा।

11 या 12 नवंबर कब मनाई जाएगी छोटी दिवाली?

दिवाली से ठीक एक दिन पहले छोटी दिवाली का पर्व मनाया जाता है। दिवाली से पहले छोटी दिवाली इसलिए मनाई जाती है क्योंकि, इस दिन हनुमान जयंती भी होती है और इसी दिन भगवान श्री कृष्ण ने नरकासुर नामक असुर का वध किया था। इसलिए इसे नरक चतुर्दशी भी कहते हैं। 11 नवंबर को 1 बजकर 59 मिनट से चतुर्दशी तिथि आरंभ हो रही है और अगले दिन 12 नवंबर को दोपहर के 2 बजकर 45 मिनट तक रहेगी। छोटी दिवाली 11 नवंबर शनिवार 2023 को मनाई जाएगी। नरक चतुर्दशी के दिन यमराज के नाम से दीया जलाया जाता है। इसे दक्षिण दिशा में जलाया जाता है। साथ ही यह दीया पितरों के नाम का भी होता। ध्यान रखें की छोटी दिवाली के दिन अपने घर में कम से कम 5 या 7 दिए जरुर जलाएं जिनमें से एक दक्षिण दिशा में घर से बाहर रख दें।

धनतेरस पर यह एक सिक्का आपकी किस्मत बदल सकता है

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नए खरीदे बर्तन में इसे डालकर भगवान कुबेर को करें अर्पित

कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को धनतेरस का त्योहार मनाया जाता है। इस वर्ष 10 नवंबर को धनतेरस है। धनतेरस पर यदि आपको एक सिक्का मिल जाता है तो यह आपकी किस्मत बदल सकता है। आमतौर पर धनतेरस पर लोग बर्तनों की खरीदारी जरूर करते हैं। मान्यता है कि जब समुद्र मंथन में भगवान धन्वंतरि प्रकट हुए तो उनके हाथ में एक कलश था। इस वजह से ही धनतेरस पर बर्तन खरीदने की परंपरा है, लेकिन इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि इस दिन लोहे, एल्यूमीनियम और स्टील के बर्तन न खरीदें। आप जो भी बर्तन खरीदें उसमें एक सिक्का डलवा लें। आईये आपको बताते हैं यह सिक्का कौन सा होना चाहिए और किससे डलवाना चाहिए।

दुकानदार से ही डलवाएं नए बर्तन में सिक्का

धनतेरस पर जब आप नया बर्तन खरीदते हैं तब उसका पूरा पैसा आप चुका दें। इसके बाद दुकानदार को कहें कि आप अपनी इच्छानुसार कोई सिक्का इस बर्तन में डाल दें। ध्यान रखें कि सिक्का दुकानदार से ही डलवाएं आप खुद न डालें। इसके बाद इस बर्तन को घर लाकर इसमें खीर या मिठाई रखकर भगवान कुबेर की पूजा कर उन्हें अर्पित करें। मान्यता है कि ऐसा करने से आपके सौभाग्य में वृद्धि होगी और दुर्भाग्य दूर हो जाएगा।

दीपदान कर पाएं लंबी आयु का वरदान

मान्यता है कि धनतेरस के दिन भगवान यमराज को दीपदान करने से अकाल मृत्यु नहीं होती। आप संध्याकाल में आटे का चौमुखी दीपक बनाकर उसे अपने घर के द्वार पर दक्षिणी दिशा की ओर रखें और इसके साथ में थोड़ी सरसों, काली मिर्च और लौंग रखें। इसके अलावा अपने घर 13 और दीपक भी जलाएं।

माता लक्ष्मी के मंत्र का करें जाप

* ओम् महालक्ष्म्यै नमो नम:

विष्णुप्रियायै नमो नम:

धनप्रदायै नमो नम:

विश्वजनन्यै नमो नम:

* श्रीं ह्रीं क्लीं श्री सिद्ध लक्ष्म्यै नम:

* ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्री सिद्ध लक्ष्म्यै नमो नम:

* लक्ष्मी नारायण नम:

भगवान कुबेर के इस मंत्र का करें जाप

* ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये धनधान्यसमृद्धिं में देहि दापय।।

* ॐ ह्रीं श्रीं क्रीं श्रीं कुबेराय अष्ट-लक्ष्मी मम गृहे धनं पुरय पुरय नमः ।।

* ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीं क्लीं वित्तेश्वराय नमः ।।

भगवान धन्वन्तरि के इस मंत्र का करें शुद्ध उच्चारण

* ॐ नमो भगवते महासुदर्शनाय वासुदेवा य धन्वंतराये:

अमृतकलश हस्ताय सर्वभय विनाशाय सर्वरोगनिवारणाय ।

त्रिलोकपथाय त्रिलोकनाथाय श्री महाविष्णुस्वरूप

श्री धन्वंतरी स्वरूप श्री श्री श्री औषधचक्र नारायणाय नमः ।।

* ॐ धन्वंतरये नमः ।।

धनतेरस पर इस शुभ मुहूर्त में करें खरीदारी, घर में आएगी खूब कमाई

धनतेरस

धनतेरस पर भूल कर भी इन चीजों की न करें खरीदारी

हिंदुओं के प्रसिद्ध त्योहार पंच पर्व (दिवाली) के पहले दिन कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को धनतेरस का त्योहार मनाया जाता है। इस वर्ष 10 नवंबर को पराक्रम योग में धनतेरस है। इस दिन शुक्र प्रदोष भी है। शुक्र प्रदोष और धन त्रयोदशी का महासंयोग बन रहा है। त्रयोदशी के दिन ही आयुर्वेद के देवता धन्वंतरि जी की जयंती होती है। धनतेरस पर मान्यता है कि इस दिन खरीदी गई वस्तुएं शुभ फल देती हैं। इस वजह से बाजारों में रौनक रहती है खासकर लोग सोने-चांदी और बर्तनों की खरीदारी करते हैं। ऐसे में आईये जानते हैं इस साल धनतेरस पर खरीदारी का क्या है शुभ मुहूर्त और इस दिन क्या खरीदें और क्या नहीं।

धनतेरस

धनतेरस पर खरीदारी का मुहूर्त

धनतेरस पर शुभ मुहूर्त में खरीदारी करना अच्छा व फलदारी माना जाता है। पंचांग के अनुसार 10 नवंबर को धनतेरस पर दोपहर 12:35 से लेकर अगले दिन यानी 11 नवंबर की दोपहर 1:58 बजे तक खरीदारी का शुभ मुहूर्त है। यानी आप दोपहर साढ़े 12 बजे के बाद अपनी मनपसंद चीजों की खरीदारी कर सकते हैं। इस दिन सोने-चांदी के आभूषण, बर्तन, वाहन और अन्य घरेलू उपकरणों की खरीदारी की जाती है।

धनतेरस पर पूजा का मुहूर्त

पं. गिरिराज अत्री के अनुसार धनतेरस पर भगवान गणेश, मां लक्ष्मी और कुबेर देवता की पूजा होती है। पूजा का शुभ मुहूर्त 10 नवंबर, शुक्रवार को शाम 05 बजकर 47 मिनट से शाम 07 बजकर 47 मिनट तक रहेगा। इस दिन आप 13 दीपक जलाकर पूजा-अर्चना करें।

धनतेरस पर क्या खरीदें और क्या न खरीदें

  1. धनतेरस पर सोने-चांदी के जेवर, पीतल-कांसे के बर्तन, वाहन और कुबेर यंत्र को खरीदना शुभ माना जाता है।
  2. यदि आप महंगी वस्तुएं नहीं खरीद पा रहे हैं तो साबुत धनिया घर ले आएं।
  3. गोमती चक्र खरीदने से भी मां लक्ष्मी की कृपा आप पर बरसती है।
  4. इस दिन लोहे से बना सामान नहीं खरीदना चाहिए और न ही एल्युमीनियम और स्टील के बर्तन धर लाएं
  5. इसके अलावा प्लास्टिक, कांच और चाइनीज मिट्‌टी का सामान भी नहीं खरीदना चाहिए। इससे दुर्भाग्य आता है।