फुटबॉल – जनप्रिय गेम का राजा

फुटबॉल – जनप्रिय गेम का राजा

फुटबॉल, एक खेल है जिसने दुनिया को एक साथ जोड़ दिया है और जनप्रियता में उच्च स्तर तक पहुंच गया है। इस खेल का चार्म है, जो लोगों को मैदान में जोड़ता है और उन्हें एकजुटता का अहसास कराता है। भारत में फुटबॉल की पुरानी परंपरा है, और आज भी इसे एक महत्वपूर्ण खेल के रूप में नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।

भारतीय फुटबॉल टीम ने अपनी प्रदर्शन कला से विशेष पहचान बनाई है और उन्होंने विभिन्न अंतरराष्ट्रीय प्लेटफॉर्म्स पर देश का नाम रोशन किया है। भारतीय फुटबॉल के खिलाड़ियों ने अपनी मेहनत, समर्पण, और निष्ठा के माध्यम से दुनिया को दिखाया है कि वे इस खेल में अपनी जगह बना सकते हैं।

इंडियन सुपर लीग (ISL) ने फुटबॉल को भारत में प्रमोट करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और इसने नए खिलाड़ियों को एक मंच पर आने का अवसर दिया है। भारतीय फुटबॉल के प्रति रुझान बढ़ा है और इससे नए प्रतिभागी उज्ज्वल रूप से सामना कर रहे हैं।

सुनील छेत्री, भारत के कप्तान, ने अपने दम पर दुनिया के टॉप फुटबॉल खिलाड़ियों के साथ खड़ा होकर देश का गर्व बढ़ाया है। उनकी नेतृत्व में भारतीय फुटबॉल टीम ने कई बड़ी जीतें दर्ज की हैं और उन्होंने दुनिया को दिखाया कि भारत में भी फुटबॉल की एक अद्वितीय भूमिका है।

फुटबॉल ने भारत को दुनिया में एक महत्वपूर्ण फुटबॉल देश के रूप में स्थापित किया है, और यह खेल लोगों को एक-दूसरे के साथ जोड़ने का एक सामाजिक माध्यम भी प्रदान करता है। फुटबॉल की भविष्य में और भी ऊँचाईयों की ओर बढ़ती रहेगी और यह देश को एक और रंगीन दिशा में आगे बढ़ने का एक नया माध्यम देगा।

हॉकी – भारतीय खेल की गौरवगाथा

हॉकी – भारतीय खेल की गौरवगाथा

हॉकी, भारतीय खेल का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और यह खेल देश में एक समृद्धि और अगली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन चुका है। भारतीय हॉकी टीम ने अपने उद्दीपक से खुद को एक विश्व स्तरीय खिलाड़ी बना दिया है और देश को इस खेल में एक महत्वपूर्ण रूप में प्रतिष्ठान दिलाया है।

हॉकी का इतिहास भारत में गहरा है और इसकी शुरुआत ब्रिटिश शासनकाल के दौरान हुई थी। लेकिन समय के साथ, यह खेल भारतीय जनता में पहचान बना लिया और हॉकी टीम ने अपनी दमदार प्रदर्शनों से दुनिया को हैरान कर दिया।

ध्यानचंद, हॉकी के दिग्गजों में से एक, ने अपने शानदार गेमप्ले के माध्यम से हॉकी को एक नए स्तर पर ले जाया और उनकी कला ने लोगों को हॉकी के प्रति प्रेरित किया। उनके प्रदर्शनों ने भारतीय हॉकी को एक नए मकाम पर पहुंचाया और उन्होंने देश का नाम गर्व से रोशन किया।

भारतीय हॉकी टीम ने ओलंपिक, कमनवेल्थ खेल, और विश्व कप जैसे अनेक अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में शानदार प्रदर्शन करके दुनिया को अपनी शक्ति दिखाई है। हॉकी के खेल में भारत ने अपने खिलाड़ियों को विश्वस्तरीय खिलाड़ियों में बनाए रखने के लिए कई कठिनाईयों का सामना किया है, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी और सफलता प्राप्त की।

हॉकी ने भारतीय खेल को एक समृद्धि और एकता का माध्यम बनाया है। लोग इसे एक राष्ट्रीय खेल के रूप में नहीं, बल्कि एक जीवनशैली का हिस्सा भी मानते हैं और यह उन्हें मानवीय मूल्यों और टीम काम की महत्वपूर्णता के साथ परिचित कराता है।

इस प्रकार, हॉकी ने भारत को विश्व में एक महत्वपूर्ण खेलीय भूमि में रौंगत में ला दिया है और यह दुनिया को दिखाता है कि खेल कैसे एक राष्ट्र की गरिमा और शक्ति को बढ़ावा दे सकता है।

शतरंज – मानसिक समर्थ का महासागर

शतरंज – मानसिक समर्थ का महासागर

शतरंज, एक ऐसा खेल है जो मानव मस्तिष्क की गहराईयों में गूंथा गया है और दिमागी कुशलता का परिचयक है। इस खेल ने दुनिया भर में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका बनाई है और खेलकूद की दुनिया में एक अद्वितीय स्थान बना लिया है।

भारतीय शतरंज के खेलकूदों ने विभिन्न अंतरराष्ट्रीय प्लेटफॉर्मों पर अपनी प्रतिभा का परिचयक दुनिया को किया है। विश्व चैम्पियन्शिप्स में उनके उद्दीपक से खुद को साबित करते हुए, वे न केवल अपने देश का गर्व हैं, बल्कि उन्होंने भी शतरंज को एक नए स्तर पर उठाया है।

विश्व में अपने दम पर खड़े होने वाले शतरंज के एक अद्वितीय खिलाड़ी हैं विश्वविजेता विश्वानाथन आनंद। उन्होंने अपने ब्रिलियंट मूव्स और दिमागी तेजगी से शतरंज के प्रशिक्षकों को चौंका दिया है और भारत का नाम दुनिया के शतरंज मैदान में रौंगत में ला दिया है।

शतरंज ने दिखाया है कि इसमें सिर्फ शारीरिक समर्थता ही नहीं, बल्कि मानसिक तेजगी और रणनीति का भी महत्व है। यह खेल विभिन्न योजनाएं बनाने और उन्हें पूर्वानुमान करने की कला को सिखाता है, जिससे खिलाड़ी अपने आत्मविश्वास को बढ़ाते हैं।

भारतीय शतरंज के खिलाड़ी नहीं सिर्फ अपनी व्यक्तिगत रूप से, बल्कि टीम के सदस्य के रूप में भी अपने क्षेत्र में पहचान बना रहे हैं। उन्होंने शतरंज के खेल को एक सामाजिक संदेश के रूप में भी ले कर आए हैं और इसे लोगों के बीच लोकप्रिय बनाया है।

इस तरीके से, शतरंज ने भारत के लिए एक नये दृष्टिकोण का निर्माण किया है और खेलकूद की दुनिया में एक नए स्तर पर उठाया है। यह न केवल एक खेल है, बल्कि एक मानवता को समृद्धि और समर्पण की ओर मोड़ने वाला एक साधन है जो हमें दिखाता है कि मानसिक समर्थता ही सच्ची शक्ति है।

क्रिकेट – भारतीय खेल का राजा

क्रिकेट – भारतीय खेल का राजा

क्रिकेट, भारत में एक ऐसा खेल है जिसने देश को एक सजीव रूप में जोड़ा है और हर भारतीय को एक साथी की भावना से नवाजा है। यह खेल न केवल मैदान पर होता है, बल्कि यह एक भाषा की भावना, जनजीवन का हिस्सा भी बन चुका है।

भारतीय क्रिकेट टीम का सफर उच्च और नीचे के मौजूदा समयों में दुनिया को अपने प्रदर्शन का अद्वितीय अनुभव करा रहा है। भारतीय कप्तानों की शक्तिशाली नेतृत्व में टीम ने एक से बढ़कर एक विजेता प्रदर्शन किया है और भारतीय क्रिकेट दर्शकों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने में सफल हुआ है।

सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़, वीरेंद्र सहवाग, और विराट कोहली जैसे भारतीय क्रिकेट के इकोनिक खिलाड़ी ने दुनियाभर में अपने नाम का चमकता सितारा बनाया है। इन खिलाड़ियों ने न केवल अपने खुद के प्रदर्शनों से चमक बढ़ाई है, बल्कि उन्होंने भी आने वाली पीढ़ियों को मार्गदर्शन किया है और उन्हें प्रेरित किया है।

आईसीसी वनडे और टेस्ट चैम्पियनशिप्स में महत्वपूर्ण प्रतिस्थान पर पहुंचकर, भारतीय क्रिकेट ने विश्व के सबसे बड़े खिलाड़ीयों के साथ टक्कर का सामना किया है।

क्रिकेट ने भारत में एक अलग पहचान बनाई है, और इसे लोगों की आसपासी जीवनशैली का हिस्सा बना दिया है। यहां लोग मैदानों में नहीं ही अपने घरों के सामने गलियों में भी क्रिकेट खेलते हैं और यह एक एकीकृत भारत की भावना का परिचायक है।

क्रिकेट ने भारतीय खेल को एक नए स्तर पर ले जाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और इसने दुनिया को दिखाया है कि भारत के खिलाड़ी विश्व स्तर पर अपनी प्रतिबद्धता से कोई कमी नहीं करते।

क्रिकेट ने भारतीय खेल को समृद्धि और सम्मान का माध्यम बनाया है और आने वाली पीढ़ियों को इस उद्यम में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया है। भारतीय क्रिकेट ने दुनिया को अपने उदार मूल्यों, मेहनत, और एकजुटता का संदेश दिया है और यह खेल देश के हर कोने में एक अद्वितीय स्थान बना चुका है।

टेनिस का जादू – भारतीय खिलाड़ीयों का उच्चतम स्तर

टेनिस का जादू – भारतीय खिलाड़ीयों का उच्चतम स्तर

टेनिस, एक ऐसा खेल है जो शारीरिक स्थिति, ताकत, और मानसिक समर्थन की जरुरत को सजगता से जोड़ता है। भारत में टेनिस के क्षेत्र में विकास के कई साल बीत गए हैं और इसका प्रभावशाली परिणाम देखने को मिल रहा है।

भारतीय टेनिस के प्रशिक्षकों ने नौजवानों को उत्कृष्टता की दिशा में प्रेरित किया है और इसका सबसे उच्च प्रतिस्पर्धा स्तर बनाने के लिए कठिनाईयों का सामना किया है। भारतीय टेनिस के खेलकूदों ने विभिन्न अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में अपनी प्रतिभा साबित करने में सफलता प्राप्त की है।

रोहन बोपना, भारतीय टेनिस के चेहरे में से एक, ने अपने सफल प्रदर्शनों के साथ दुनिया की धाकड़ टेनिस खिलाड़ियों के बीच अच्छे संबंध बनाए हैं। उन्होंने अपनी मेहनत और समर्पण के माध्यम से विशेषज्ञता प्राप्त की है, जिससे उन्होंने भारत को विश्व स्तर पर उच्चतम स्थान पर पहुंचाया है।

टेनिस खेलने वाली भारतीय महिलाओं में से एक, सानिया मिर्ज़ा, ने भी अपने उद्दीपक से खुद को दिखाया है। उन्होंने विभिन्न अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में सफलता प्राप्त की है और भारत का नाम गर्व से रोशन किया है।

टेनिस ने भारत को विश्व स्तर पर पहचान दिलाई है और इसने नौजवान पीढ़ियों में खेलने के लिए एक माध्यम प्रदान किया है। भारतीय टेनिस के प्रतिष्ठित खिलाड़ियों की कड़ी मेहनत, समर्पण, और योगदान से ही इस खेल को बढ़ावा मिला है।

इस खेल के माध्यम से भारत ने अपने खिलाड़ियों को दुनिया में एक मजबूत पहचान दिलाई है, और यह उन्हें और भी उच्चतम स्तर पर पहुंचने के लिए प्रेरित कर रहा है। टेनिस के क्षेत्र में भारत का योगदान लगातार बढ़ रहा है और आने वाले समय में हम नए उज्ज्वल सितारों की उम्मीद कर सकते हैं।

टेनिस के इस सुंदर खेल में भारत ने दुनिया को अपनी अद्वितीय पहचान बनाई है, और हम

बॉलीवुड में हंसी की दुनिया में कई मशहूर कॉमेडी फिल्में

बॉलीवुड में हंसी की दुनिया में कई मशहूर कॉमेडी फिल्में हैं जो दर्शकों को हंसी में डालने में सक्षम रही हैं। यहां बॉलीवुड की शीर्ष 10 कॉमेडी फिल्में हैं:

  1. आंगूर (Angoor – 1982): इस फिल्म में स्टार कैसे और देवानंद कुमार ने ब्रह्मानंदम और सानी देओल के साथ मिलकर कमेडी का जादू दिखाया।
  2. चुपके चुपके (Chupke Chupke – 1975): राजेश खन्ना, धर्मेंद्र, अमिताभ बच्चन और शर्मिला टैगोर के साथ इस कॉमेडी फिल्म ने दर्शकों को हंसी में डाला।
  3. हेरा फेरी (Hera Pheri – 2000): प्रेशान्त नारायण, सुनील शेट्टी, और अक्षय कुमार की एक दिलचस्प कॉमेडी फिल्म है जिसमें तिनों का कॉमेडी टाइमिंग बहुत चर्चित रहा है।
  4. पापा कहते हैं (Papa Kehte Hain – 1996): जूही चावला और मयंक चैहान के साथ यह फिल्म एक मजेदार और आदर्शपूर्ण कॉमेडी है जो परिवार के महत्वपूर्ण मुद्दों पर आधारित है।
  5. मलामाल वीकली (Malamaal Weekly – 2006): प्रियदर्शन द्वारा निर्देशित इस फिल्म में पैशन, हंसी, और अजीबो-गरीब परिस्थितियों का संजीवनी रूप है।
  6. जॉनी लीवर (Johnny Lever): यह नाम आपने कई बॉलीवुड कॉमेडी फिल्मों में देखा है, और उनका कॉमेडी टाइमिंग किसी से कम नहीं है।
  7. गोलमाल (Golmaal – 1979): हरे रामा हरे कृष्णा और एक दो तीन के संजय धुत्त के साथ इस फिल्म ने दर्शकों को हंसी में डाला।
  8. बवर्ची (Bawarchi – 1972): हृषिकेश मुखर्जी की इस कॉमेडी फिल्म में राजेश खन्ना ने अपनी कमाल की कॉमेडी प्रदर्शनी दी है।
  9. चौपाल (Chupke Chupke – 2006): प्रभास, गोविंदा, राजपाल यादव के साथ इस फिल्म ने कॉमेडी दुनिया को नए रंग दिखाए हैं।
  10. मुन्ना भैया एम.बी.बी.ए.से. (Munna Bhai M.B.B.S. – 2003): संजय दत्त और अरशद वारसी की इस फिल्म ने हंसी के साथ-साथ सोशल मैसेज भी दिया है।

टॉप 5 वीडियो एडिटिंग सॉफ्टवेयर

  1. एडोब प्रीमियर प्रो: एडोब प्रीमियर प्रो एक प्रोफेशनल वीडियो संपादन सॉफ़्टवेयर है जो विभिन्न प्लेटफ़ॉर्म्स पर उपलब्ध है। यह उच्च-स्तरीय वीडियो बनाने और संपादन के लिए लोकप्रिय है, और इसमें विभिन्न उपकरण और विशेषताएं शामिल हैं।
  2. फाइनल कट प्रो: फाइनल कट प्रो भी एक उच्च-स्तरीय वीडियो संपादन टूल है जो मैकओएस और विंडोज प्लेटफ़ॉर्म्स के लिए उपलब्ध है। इसमें शक्तिशाली संपादन उपकरण, ट्रांजीशन्स, और एफेक्ट्स शामिल हैं।
  3. डेविंथेरेसोल्व: डेविंथेरेसोल्व एक वीडियो संपादन सॉफ़्टवेयर है जो उच्च गुणवत्ता और कलर करेक्शन के लिए विशेषज्ञ है। इसमें स्टुडियो ग्रेड कैमरा ट्रैकिंग और एफेक्ट्स के लिए उपकरण शामिल हैं।
  4. हिटफिल्म एक्सप्रेस: हिटफिल्म एक्सप्रेस एक सरल और प्रभावी वीडियो संपादन सॉफ़्टवेयर है जो नए उपयोगकर्ताओं के लिए उपयुक्त है। इसमें विभिन्न वीडियो एफेक्ट्स, ट्रांजीशन्स, और टूल्स शामिल हैं।
  5. काइनमास्टर: काइनमास्टर एक ऑनलाइन वीडियो संपादन सॉफ़्टवेयर है जो उपयोगकर्ताओं को वेब ब्राउज़र के माध्यम से वीडियो संपादन की सुविधा प्रदान करता है। इसमें एक सरल इंटरफेस और विभिन्न संपादन विकल्प शामिल हैं।

पृथ्वी पर शीर्ष 10 अमीर महिलाएं

पृथ्वी पर शीर्ष 10 अमीर महिलाएं

  1. एलिसन वाल्टन: एलिसन वाल्टन, वॉलमार्ट की संस्थापक से हैं और उनकी धन सूची में शीर्ष पर है। वह वॉलमार्ट की अध्यक्ष हैं और विश्व की सबसे अमीर महिला हैं।
  2. जैस्सिका बील: जैस्सिका बील यूनिकॉर्न कंपनी की संस्थापक हैं और वे टेक्नोलॉजी क्षेत्र में एक शक्तिशाली उदारवादी के रूप में पहचाने जाते हैं।
  3. मैकेंजी स्कॉट: अमेज़न की संस्थापिता मैकेंजी स्कॉट भी दुनिया की सबसे अमीर महिलाओं में से एक हैं। उनकी धन सूची में ऊपरी स्थान पर है।
  4. फ्रांस्वा बेटेंकोर्ट-माइयो: फ्रांस्वा बेटेंकोर्ट-माइयो लगभग 70 साल की हैं और वे लोरिएल समूह की धारक हैं, जो विश्व के सबसे बड़े सौंदर्य और कॉसमेटिक्स कंपनी में से एक है।
  5. जुलियना कूंस्टान्सो: ब्राजील की निवेशक और उद्यमिता जुलियाना कूंस्टान्सो भी दुनिया की अमीर महिलाओं में शामिल हैं।
  6. मारियों फ्रांस: मारियों फ्रांस फ्रांस कंपनी के एक हिस्सेदार हैं और वे विश्व की अमीर महिलाओं में से एक हैं।
  7. ल्यूसी लेडेन: ल्यूसी लेडेन अमेरिकी वित्तीय सेवाओं कंपनी स्टेडीवो ग्रुप की संस्थापिता हैं और वे अमीरता की धन सूची में शामिल हैं।
  8. जैन सूल्टें: जैन सूल्टें, दुनिया के सबसे बड़े बैंकों में से एक के सीईओ हैं और वे अमीर महिलाओं में गिनी जाती हैं।
  9. जेनिफर आनिस्टन: हॉलीवुड की प्रमुख अभिनेत्री जेनिफर आनिस्टन भी दुनिया की अमीर महिलाओं में एक हैं। उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री के साथ ही विभिन्न विपणी और विपणि परियोजनाओं में भी निवेश किया है।
  10. शेरील सैंडबर्ग: शेरील सैंडबर्ग अमेरिकी बैंकिंग उद्यमिता हैं और वे अमीरता की धन सूची में शामिल हैं। उन्होंने विभिन्न उद्यमों में निवेश किया है और सामाजिक क्षेत्र में भी कई कार्यों में शामिल हैं।

संस्था लहर समाज को नई दिशा देने में निभा रही अहम भूमिका

संस्था लहर समाज को नई दिशा देने में निभा रही अहम भूमिका – डिप्टी मेयर

संस्था लहर फ्री हेलमेट बांटकर बचा रही घरों के चिराग

हर्षित सैनी

रोहतक, 7 नवम्बर। एकता कॉलोनी रोहतक में आज संस्था लहर द्वारा सड़क सुरक्षा जागरूकता एवं हेलमेट वितरण कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि रोहतक नगर निगम के डिप्टी मेयर अनिल कुमार, वार्ड 20 पार्षद सूरजमल किलोई व शिवाजी कॉलोनी थाना प्रभारी प्रकाश राज थे। संस्था लहर के अध्यक्ष सितेंद्र पावडिया व राहुल शर्मा रोहतकी द्वारा मुख्य अतिथियों का स्वागत किया गया।
           एकता कॉलोनी की मैन प्याऊ वाली गली में कैंप लगा कर बिना हेलमेट मोटरसाइकिल चालक को रोक कर गुलाब का फूल और नि:शुल्क हेलमेट देकर यातायात के नियमों का पालन करने के लिए जागरूक किया।  डिप्टी मेयर अनिल कुमार और पार्षद सूरजमल किलोई ने सभी चालकों को हरियाणा पुलिस को सड़क सुरक्षा सहयोग देने के लिए कहा ताकि एक सभ्य समाज का निर्माण हो सके और दीपावली पर घरों के चिराग सलामत रहे।
         डिप्टी मेयर ने अपने भाषण में आने-जाने वाले यात्रियों को कहा कि सुरक्षित सफर के लिए मोटरसाइकिल पर हेलमेट ज़रुरी है। सूरजमल किलोई ने कहा कि घर पर परिवार आपका इंतजार कर रहा होता है। इस बात को ध्यान में रखकर वाहन चलाएं। सभी ने इस मुहिम का स्वागत किया और संस्था लहर द्वारा आयोजित कार्यक्रम की सराहना की। राहुल शर्मा रोहतकी ने कहा कि लहर संस्था के नेतृत्व में आगे भी इस तरह के कार्यक्रम करते रहेंगे।
           इस अवसर पर डिप्टी मेयर अनिल कुमार, नगर निगम पार्षद सूरजमल किलोई, पुलिस प्रशासन, संस्था के पदाधिकारी, स्थानीय नागरिक अशोक किलोई, देबी, रमेश चंद्र, जगबीर सिंह अहलावत, सुनील शुक्ला, रवि दूबे उपस्थित रहे।

हिन्दुत्व की राजनीति करने वालों ने ही तोड़ी हिन्दु संत महात्माओं की स्माधियां

हिन्दुत्व की राजनीति करने वालों ने ही तोड़ी हिन्दु संत महात्माओं की स्माधियां : गुरनाम सिंह चढूनी
भारतीय किसान यूनियन के राष्टीय अध्यक्ष बोले, राजस्थान के तिजारा विधानसभा में जाकर मठाधीश की खोलेगे पोल
औघड पीर डेरे की निजी सम्पति को किया खुर्द-बुर्द, सांधु संतों का किया अपमान, नहीं होगा बर्दाशत
भाजपा सांसद एवं मठाधीश पर लगाए चढूनी ने गंभीर आरोप, बोले, सरकार की शह पर अपने रस्ते से भटक गए है सांसद
मिशन एकता समिति की राष्टीय अध्यक्ष कांता आलडिया बोली, सांसद एवं मठाधीश समझौता कर बाद में मुकरे
हर्षित सैनी
रोहतक, 6 नवंबर ! भारतीय किसान यूनियन के राष्टीय अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने आरोप लगाया कि अपने आप को हिन्दुत्व की राजनीति करने वालो ने ही हिन्दु समाज की वर्षों पुरानी औघड पीर की समाधियों को ध्वस्त कर दिया और डेरे की जमीन को भी खुर्द बुर्द कर दिया। उनका कहना था कि आज वहीं लोग हिन्दुत्व का चोला पहन कर असंवैधानिक कार्यो को अंजाम दे रहे हैं।
        उन्होंने औघड पीर मामले को लेकर एक बार फिर सांसद एव मठाधीश पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा सांसद ने सरकार की शह पर समाधियों को खंडित किया और उनके अनुयायियों व औघड पीर के महंत रमेशनाथ पर झूठा केस तक दर्ज करवाए हैं।
     चढूनी ने ऐलान किया कि राजस्थान के तिजारा विधानसभा से चुनाव लड़ रहे सांसद और मठाधीश के असंवैधानिक कार्यों की पोल पट्टी पूरे विधानसभा में एक एक घर तक जाकर जनता के सामने खोली जाएगी। उनका कहना था कि डेरे की सम्पति से मठाधीश ने अपने ऐशो आराम के लिए आलीशान महल तक बनाया है, जोकि साधु संतों का काम नहीं है।
       दूसरी ओर मिशन एकता समिति की राष्टीय अध्यक्ष कांता आलडिया ने भी मठाधीश सांसद बाबा बालकनाथ पर निशाना साधते हुए कहा कि एक साजिश के तहत वर्षों पुरानी औघड पीर की समाधियां खंडित की गई और बाद में मठाधीश समझौता करके मुकर गए, जिसको लेकर औघड पीर के अनुयायी अब तिजारा जाकर मठाधीश की जमानत जब्त कराई जाएगी।
     कांता आलडिया ने कहा कि भाजपा ने दलित व पिछड़े वर्ग के हितों की हमेशा अनेदखी है और अब सरकार तानाशाही पर उतर आई है। उन्होंने कहा कि औघड पीर स्माधि प्रकरण को लेकर समाज में सरकार व प्रशासन के खिलाफ भारी रोष है और एक षडयंत्र के तहत दलित साधु संतों की स्माधियों को तोड़ा गया है।
           भीम आर्मी चीफ मंजीत नोटियाल ने कहा कि भाजपा सरकार ने देश में महापुरूषों व संतों के डेरो पर हमला बोला है और भगवा की आड़ में असंवैधानिक कार्यो को अंजाम दिया है। उन्होंने औघड पीर स्माधियों का भी जिक्र किया और कहा कि 250 वर्ष पुराने डेरे को सत्ताधारियों ने कब्जा कर तहश नहस किया है।
     उन्होंने आरोप लगाया है कि अपने आप को हिन्दुत्व की ठेकेदार होने का दावा करने वाली भाजपा सरकार में डेरों की जमीनों को कब्जाया जा रहा है और यह सरकार की तानाशाही बन चुकी है। सरकार की इस तानाशाही के खिलाफ पूरी लड़ाई लड़ी जाएगी।
     सोमवार को किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी रोहतक पहुंचे और उन्होंने कई कार्यक्रमों में शिरक्त की। इसी दौरान मिशन एकता समिति की राष्ट्रीय अध्यक्ष कांता आलडिया व भीम सेना के चीफ मंजीत नोटियाल के साथ पत्रकारों से रूबरू हुए।
           किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने एसवाईएल को लेकर सरकार पर निशाना साधा और कहा कि एसवाईएल सिर्फ राजनीतिक मुद्दा है और यह सिर्फ पंजाब व हरियाणा के भाईचारे को बिगाड़ने के लिए षडयंत्र है।
      उन्होंने कहा कि हाल ही में बेमौसम बरसात से पंजाब व हरियाणा में जो बाढ़ आई, जिससे काफी संख्या में नुकसान हुआ, अगर उस पानी का ही सरकार उचित प्रबंध कर लेती तो आगामी 2 साल तक हरियाणा में पानी की कोई कमी नहीं रहती है। एसवाईएल को लेकर केवल राजनीतिक पार्टियां अपनी राजनीति कर रही है। पराली जलाने से बढ़ते प्रदूषण को लेकर किसान नेता ने कहा कि किसान मजबूरी में परानी जलाते है क्योंकि सरकार द्वारा पराली को लेकर कोई उचित प्रबंध नहीं किए गए है। पराली प्रकृति सम्पति है। सरकार को पराली को लेकर विशेष ध्यान देना चाहिए।
         उन्होंने कहा कि सरकार को सभी शूगर मिलों में बिजली व एथलॉन प्लाट लगाने चाहिए, जिसमें पराली का इस्तेमाल कर बिजली बनाई जाए, इससे शूगर मिलों को भी फायदा होगा। इस अवसर पर औघड पीर बाबा महंत रमेश नाथ, कृष्ण माजरा , महेन्द्र बागड़ी, आशु, राजपाल प्रजापति प्रमुख रूप से मौजूद रहे।

अग्निवीरों को नियमित सैनिक का दर्जा दे सरकार, देश के लिए शहीद होने वाले वाले सैनिक की शहादत में फर्क न करे सरकार

अग्निवीरों को नियमित सैनिक का दर्जा दे सरकार, देश के लिए शहीद होने वाले वाले सैनिक की शहादत में फर्क न करे सरकार : दीपेन्द्र हुड्डा
·दीपेन्द्र हुड्डा ने गांव बिठला में शहीद दिनेश कुमार, शहीद बलराज सिंह की प्रतिमा का अनावरण कर किया नमन
·देश के लिए शहीद होने वाले नियमित सैनिकों और अग्निवीरों के परिवारों को मिलने वाली सहायता और सम्मान राशि में भेदभाव क्यों?
·देश में अग्निपथ योजना खत्म करने की लड़ाई लड़ेंगे
सन्तोष सैनी
झज्जर, 5 नवंबर। सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने आज गांव बिठला में बीएसएफ के शहीद दिनेश कुमार और शहीद बलराज सिंह की प्रतिमा का अनावरण किया और पुष्पांजलि अर्पित कर नमन किया। उन्होंने कहा कि हरियाणा के युवाओं के लिए फौज में भर्ती होना गर्व की बात होती है। सेना में देश की 2 फीसदी आबादी वाले हरियाणा से 10 फीसदी सैनिक देश सेवा में जाते हैं। लेकिन बीजेपी सरकार देश की फौज को खोखला करने वाली अग्निपथ जैसी योजना लाकर शहीद-शहीद में फर्क कर रही है।
        सांसद दीपेन्द्र ने कहा कि अग्निवीर सैनिक को भी नियमित सैनिक की तरह सारी सुविधाएं मिलनी चाहिए। उन्होंने मांग करी कि अब तक जितने अग्निवीर भर्ती हुए हैं सरकार उन सभी को नियमित सैनिक का दर्जा दे। उन्होंने कहा कि अग्निवीर सैनिक की शहादत होने पर उन्हें न तो शहीद का दर्जा मिलता है, न पेंशन, न ग्रेच्युटी और उनके आश्रितों को मेडिकल फेसिलिटीज़ व अन्य सुविधाएं भी नहीं मिल रही।
           इतना ही नहीं ,अग्निवीर को पूर्व सैनिक का दर्जा और पूर्व सैनिक को मिलने वाली सुविधाएं भी नहीं मिलती। यही कारण है कि बड़ी संख्या में अग्निवीर सैनिक ट्रेनिंग बीच में ही छोड़ रहे हैं। अग्निवीर स्कीम के जरिए बीजेपी सरकार ने देश की सेना को 2 हिस्‍सों में बांटने का काम किया है, नियमित सैनिक और अग्निवीर सैनिक।
      दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि सरकार शहीद और शहीद में फर्क कर रही है और साथ ही देश की सेना को कमजोर बना रही है। उनका कहना था कि हम देश भर में अग्निपथ योजना को समाप्त करने की लड़ाई लड़ेंगे। इस दौरान विधायक गीता भुक्कल और विधायक कुलदीप वत्स भी मौजूद रहे।
      सांसद दीपेन्द्र हुड्डा आज झज्जर में आयोजित अनेक कार्यक्रमों में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि सेना में पक्की भर्तियों की बजाय अग्निपथ योजना और हरियाणा कौशल विभाग के जरिए कच्ची भर्ती इस बात का प्रतीक है कि सरकार कर्मचारियों को पेंशन देने से बचना चाहती है और प्राइवेट सेक्टर को आगे लाकर पक्के सरकारी पदों को समाप्त करना चाहती है।
      उन्होंने सवाल किया कि देश के लिए शहीद होने वाले नियमित सैनिकों और अग्निवीरों के परिवारों को मिलने वाली सहायता और सम्मान राशि में भेदभाव क्यों किया जा रहा है? सरकार सैनिक बनकर देश सेवा करने के युवाओं के पवित्र सपने का कत्ल कर रही है।
         सांसद ने कहा कि जब तक ये योजना लागू नहीं हुई थी, प्रदेश की सड़कों की पटरियों पर, मैदानों में अनेक युवा दौड़, कसरत करते दिखाई देते थे, इस योजना के लागू होने के बाद ऐसा दिखाई देना लगभग बंद हो गया है। अभी तक हर साल फ़ौज में 60 से 80 हज़ार पक्की भर्तियां होती थी। अग्निपथ योजना में हर साल करीब 40-50 हज़ार भर्ती होगी, जिसमें से 75 फीसदी अग्निवीरों को 4 साल बाद निकाल दिया जाएगा। इस हिसाब से अगले 15 साल में हिन्दुस्तान की करीब 14 लाख की फ़ौज का संख्या बल घट कर आधे से भी कम रह जाएगा।
       दीपेन्द्र का कहना था कि वहीं हरियाणा से होनी वाली करीब 5000 पक्की भर्ती अग्निपथ योजना में घटकर सिर्फ 240 रह जाएगी। ऐसा करने से दुनिया की सबसे ताकतवर फौज में से एक भारतीय फौज न सिर्फ कमजोर होगी बल्कि बेरोजगारी और ज्यादा बढ़ेगी। फौज का कमजोर होना राष्ट्र हित में नहीं है।

जेजेपी कानूनी प्रकोष्ठ में सभी 22 जिलों की कार्यकारिणी घोषित

जेजेपी कानूनी प्रकोष्ठ में सभी 22 जिलों की कार्यकारिणी घोषित
जेजेपी ने की कानूनी सेल में बचे आठ जिलों में 170 पदाधिकारियों की नियुक्ति
प्यारा हिन्दुस्तान न्यूज नेटवर्क
चंडीगढ़, 4 नवंबर। जननायक जनता पार्टी ने अपने संगठन में विस्तार करते हुए जिला स्तर पर 170 पदाधिकारियों की नियुक्तियां की है। जेजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ अजय सिंह चौटाला, पार्टी प्रदेश अध्यक्ष सरदार निशान सिंह, डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला, कानूनी प्रकोष्ठ के प्रदेशाध्यक्ष एडवोकेट बलवान सुहाग, जिला संयोजकों व अन्य वरिष्ठ नेताओं ने विचार-विमर्श के बाद कानूनी सेल में बचे 8 जिलों पलवल, नूंह, रोहतक, फरीदाबाद, गुरुग्राम, रेवाड़ी, सोनीपत और महेंद्रगढ़ की जिला कार्यकारिणियों की सूची जारी की। इसी के साथ जेजेपी ने कानूनी सेल के सभी 22 जिलों की जिला कार्यकारिणी घोषित कर दी है।
       पलवल जिले में कानूनी सेल की जिला कार्यकारिणी में राजेश रावत और सुरजन सिंह को वरिष्ठ उपाध्यक्ष, भरत राम, प्रवीन शर्मा, कृष्ण कुमार कुंडू को उपाध्यक्ष बनाया है। फुलवास को महासचिव, अमित कुमार, सुरेंद्र सिंह, विजयपाल, राकेश कुमार को सचिव, सुनील कुमार को सहसचिव, टेकचंद देशवाल को कोषाध्यक्ष, अजय को मीडिया कोऑर्डिनेटर की जिम्मेदारी सौंपी गई हैं। वहीं मुकेश कुमार, बृज मोहन, कुलदीप सिंह, सुमन, सरोई दूहन कार्यकारिणी सदस्य होंगे।
         जिला नूंह की कार्यकारिणी में में योगेश कुमार को उपाध्यक्ष, तिकम सिंह को महासचिव, लक्ष्मी चंद को सचिव, हेमत कुमार को सहसचिव और अरुण यादव को कोषाध्यक्ष बनाया हैं। वहीं कैलाश चंद, रामनारायण और मनोज कुमार कार्यकारिणी सदस्य होंगे।
           रोहतक में कानूनी सेल की जिला कार्यकारिणी में दीपक धनखड़ को वरिष्ठ उपाध्यक्ष, विश्वाजीत सिवाच, प्रमोद राठी, राम भतेरी को उपाध्यक्ष बनाया है। महासचिव के पद पर बबीता, नितिन, विनीत दहिया, जोगेंद्र तथा कोषाध्यक्ष के पद पर रमन नेहरा को नियुक्त किया हैं। वहीं जसबीर, नवीन कुमार, देवेंद्र सिंह, मोहित खत्री, नीशा, अंकित खत्री, राकेश बुधवार, अभिषेक गुलिया, नीरज खत्री, मनीष कुमार, सुमन कटारिया, दीपक अहलावत, आशिष डागर, हितेश कौशिक, रोहित ढाका, सुमित हुड्डा, सुनील गुलिया, सुमीत ढांडा, पुशकल नेहरा, शुभम कुंडू और विश्वजीत कार्यकारिणी सदस्य होंगे।
        फरीदाबाद जिले में सूरज पंडित को वरिष्ठ उपाध्यक्ष, अमित नरवत, अनु शुकला, राजेश डागर, गिरराज रावत, मानव वर्मा को उपाध्यक्ष, रविंद्र अहलावत को प्रधान महासचिव बनाया है। महासचिव के पद पर उद्यम कलेर, संजय वशिष्ठ, मंजूर अली, जुगल डागर, विकास तेवतिया तथा सचिव के पद पर विकास कोहली, पंकज जैन, सोनू मुदगल, अश्विनी नागर, प्रीतम यादव, मनोज मोर को नियुक्त किया है। विकास अडाना को मीडिया कोऑर्डिनेटर और अक्षय कौशिक को कोषाध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
       जिला गुरुग्राम की कानूनी सेल की कार्यकारिणी में देवेंद्र रावत को वरिष्ठ उपाध्यक्ष, नीरज गंडास, राज किशोर मेवाती, सतीश तंवर, सत्यनारायण यादव, राज किशोर मेवाती को उपाध्यक्ष बनाया हैं। दिशांत बैरवाल, राजबीर गंडास को महासचिव, प्रवीण भड़ाना को संगठन सचिव, महेश सहरावत, नवीन तंवर, मनीष जांघू, प्रवीण यादव को सचिव, अनूप सिंह अड़ाना को सहसचिव, योगेश कुमार यादव को कोषाध्यक्ष और प्रींस जांगड़ा को मीडिया कोऑर्डिनेटर की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
       वहीं दिक्षांत कटारिया, बिजेंद्र, अजीत, नरेश, बृजेश, अशोक कुमार, राज कुमार, मोहित, इंद्रजीत सिंह, मुकेश यादव, उत्तम, वीर सिंह भाट्टी, सहदेव बेनीवाल, प्रवीण सैनी, राहुल सहरावत, एडवोकेट संदीप, नीतू मेहचाना, एडवोकेट उर्मिला, मोहित सिंह, रोशन भड़ाना, अंकित कुमार, सजय शर्मा, वैभव दलाल, गीतिका धीमान और जकोम खान कार्यकारिणी सदस्य होंगे।
       रेवाड़ी जिले में आनंद कुमार मालपुरा, जय भगवान यादव, प्रेम प्रकाश यादव, मनोज, नीतेश कुमार, ललित कुमार, ललित नैनसुखापुरा, लक्ष्मण चाहर, अर्जुन सिंह यादव और वेद प्रकाश को वरिष्ठ उपाध्यक्ष बनाया हैं। उपाध्यक्ष के पद पर अभिषेक भारद्वाज, विपिन राजौरा, कैलाश, यशपाल सैनी और मनजीत कुमार, महासचिव के पद पर सुनील कुमार, हुकुम सिंह, नरेंद्र सिंह और भगवान यादव तथा सहसचिव के पद पर राज सांगवान को नियुक्त किया हैं। वहीं सुधीर कुमार, सत्येंद्र, ज्योति, प्रदीप कुमार यादव, प्रेम प्रकाश, अक्षय यादव और राजबीर यादव कार्यकारिणी सदस्य होंगे।
       जिला सोनीपत में नितिन हुड्डा, जयदीप कादियान, रमन को वरिष्ठ उपाध्यक्ष, राजेश डागर, सुधीर धनखड़ को उपाध्यक्ष बनाया हैं। महासचिव के पद पर अजय राठी, नरेंद्र खत्री, अरविंद ढांडा, सुमित दहिया, अमित दहिया को नियुक्त किया है। शक्तिजीत, जयप्रकाश मलिक, आनंद अंतिल, अक्षय त्यागी को सचिव और हरदीप धुन को कोषाध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई हैं।
       इनके अलावा महेंद्रगढ़ जिले की कानूनी प्रकोष्ठ की जिला कार्यकारिणी में हितेश यादव, अशोक यादव और महावीर को वरिष्ठ उपाध्यक्ष तथा पवन यादव, रंधावा सिंह यादव को उपाध्यक्ष बनाया गया हैं। महासचिव के पद पर विवेक सोनी, सचिव के पद पर रणदीप, कोषाध्यक्ष के पद पर राहुल यादव तथा मीडिया कोऑर्डिनेटर के पद पर सुभम यादव होंगे। वहीं लोकेश और मनीष यादव कार्यकारिणी सदस्य सदस्य होंगे।